भाषा भाव से उत्पन्न होती है और उसका स्वरूप निर्माण संस्कृति से होता है। हिन्दी मात्र संवाद का माध्यम ही नहीं यह भारतीय लोकजीवन , संस्कृति और आकांक्षाओं की अभिव्यक्ति भी है। हिन्दी हिन्दवासियों के लिये अस्मिता का चिह्न है। हिन्दी अपनायें , हिन्दुस्थान का गौरव बढ़ायें।