जयसियाराम !
प्रत्येक रात्रि एक प्रलय है प्रभात एक नयी सृष्टि , शास्त्र ऐसा कहते हैं। अतः अपने प्रत्येक दिन के प्रयोजन और उसकी उपदेयता का विचार नित्य करना चाहिये। ये विचार आपको अधिक अनुशासित , प्रासंगिक और सार्थक जीवन की ओर प्रेरित करेगा।